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राजनीतिक उथल पुथल के बीच Viplav Dev दिल्ली रवाना


अगरतला। त्रिपुरा में कोरोना महामारी के कारण बिगड़ती स्थिति और राज्य में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) में बढते असंतोष के बीच मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव को पार्टी हाइकमान ने दिल्ली बुलाया है।



मुख्यमंत्री के सचिवालय ने उनकी दिल्ली यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी देने से मना कर दिया लेकिन दावा किया कि यह पूर्व निर्धारित और आधिकारिक दौरा है। रिपोर्ट के अनुसार, श्री देव एक दिवसीय विधानसभा सत्र में भाग लेंगे और दोपहर के भोजन के बाद वह तीन दिवसीय यात्रा पर दिल्ली रवाना हो जाएंगे।



भाजपा सूत्रों ने कहा कि पार्टी विधायकों और गठबंधन आईपीएफटी विधायकों के बीच चल रही घमासान का कारण कोरोना प्रबंधन में सरकार की भूमिका और मुख्यमंत्री की मीडिया को सरकार की आलोचना करने और कोरोना एवं कोविद प्रबंधन गतिविधियों में देखभाल तथा बड़े पैमाने पर होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर करने पर अंजाम भुगतने की धमकी दिया जाना शामिल है।



सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढè भाजपा और आईपीएफटी के लगभग आधे विधायक मुख्यमंत्री की ओर से रविवार की रात अपने आवास पर आयोजित एक संयुक्त विधायक दल की बैठक में मौजूद नहीं थे। विधानसभा सत्र से पहले रणनीति तैयार करने के लिए आयोजित यह सम्मेलन और चर्चा एकतरफा थी। सत्तारूढè मोर्चे के 44 में से 19 विधायक बैठक में शामिल नहीं हुए।



विधायकों के एक समूह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ने उनकी बात नहीं मानी और 2०18 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी हित और भाजपा के चुनावी वादों पर विचार किए बिना सरकार चला रहे हैं। उन्होंने कहा, '' उन्होंने कई मौकों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों का सार्वजनिक रूप से अपमान किया और पार्टी की रैंक और फाइल के बीच दुश्मनी पैदा की। तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से दुर्व्यवहार करके स्थानीय प्रशासन से दुश्मनी की थी और अब मीडिया को चेतावनी जारी की है।



गत 11 सितंबर को दक्षिण त्रिपुरा में एक सभा को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने मीडिया को चेतावनी दी और कहा,''अति उत्साही मीडिया का एक वर्ग कोविड पर अतिरंजित और झूठी खबरें प्रकाशित करके लोगों को भ्रमित और गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा, त्रिपुरा उन्हें माफ नहीं करेगा, न ही मैं करूंगा; इतिहास गवाह है कि मैं देव हमेशा वही करता हूं जो मैं कहता हूं कि मैं करूंगा।''
राज्य के पत्रकारों ने श्री देव से मीडिया के खिलाफ इस तरह के अपमानजनक शब्द वापस लेने को कहा है, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।



उनके बयान के बाद कम से कम चार पत्रकारों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में उपद्रवियों द्बारा पीटा गया है। दोनों घटनाओं में पुलिस मामले दर्ज किए गए लेकिन अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और पत्रकारों पर हमले की सरकार ने निदा तक नहीं की है(एजेंसी)

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